उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यातायात नियमों की जानकारी और उनके अनुपालन से बड़ी संख्या में दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। सड़क सुरक्षा और यातायात के नियमों के सम्बन्ध में आम नागरिक को जागरूक किया जाना आवश्यक है।
श्री योगी मंगलवार को यहां परिवहन निगम द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश सड़क सुरक्षा कार्यशाला-2018 एवं सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित विभिन्न परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित 9697.29 लाख रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि सड़क यातायात के नियम पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए।
योगी जी का बड़ा फैसला
शिक्षा का अर्थ केवल पुस्तकीय ज्ञान प्रदान करना ही नहीं, व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करना है। इसलिए शिक्षण, प्रशिक्षण से सम्बन्धित प्रत्येक संस्था का दायित्व है कि विद्यार्थियों को जीवन के लिए उपयोगी नियमों से अवगत कराये। प्रत्येक विद्यालय की असेम्बली में प्रतिदिन विद्यार्थियों को अलग-अलग विषयों पर और उनकी जीवन में उपयोगिता और अनुपयोगिता के बारे में बताया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अधिकतर दुर्घटनाओं का कारण असावधानी अथवा मानवीय भूल होती है। इस कार्य में सामूहिक प्रयास अधिक कारगर साबित हो सकता है। परिवहन, गृह, पीडब्ल्यूडी सहित सभी सम्बन्धित विभागों को मिलकर सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में जन जागरूकता का यह कार्य करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत डेढ़ वर्षों में उनके द्वारा सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में कई बैठकें करके सम्बन्धित विभागों को सामान्य जन को सड़क सुरक्षा एवं यातायात के नियमों के विषय में जागरूक करने के लिए कहा गया। क्योंकि प्रतिदिन देश और प्रदेश के सड़क दुर्घटनाओं में जितनी मौतें होती हैं, उतनी किसी अन्य मामले में नहीं होतीं। उन्होंने कहा कि नियंत्रित स्पीड, हेल्मेट और सीट बेल्ट के प्रयोग, चालक के नियमित हेल्थ चेकअप जैसी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर जन-धन की बड़ी हानि को रोका जा सकता है।
इस मौके पर उन्होंने ‘‘स्वच्छ’ मोबाइल एप, ‘‘ई-गवन्रेंस’ पत्रिका के विशेष संस्करण, स्कूल वाहन नियमावली, चालक हेल्थ कार्ड तथा राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगिता के 57 प्रतिभागियों के भाषणों के संकलन की पुस्तिका का विमोचन भी किया। श्री योगी ने कहा कि राज्य सरकार सड़क सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है तथा इसके लिए आवश्यक कदम उठा रही है। कुशल और प्रशिक्षित वाहन चालकों की उपलब्धता के लिए प्रत्येक मण्डल में ड्राइ¨वग प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए कार्य कर रही है। ड्राइ¨वग के लिए समुचित परीक्षण के लिए ऑटोमेटिक ड्राइ¨वग टे¨स्टग ट्रैक का निर्माण भी तेजी से कराया जा रहा है। कॉमर्शियल वाहनों के फिटनेस की समुचित जांच के लिए ‘‘इंस्पेक्शन एवं सर्टिफिकेशन सेण्टर’ की स्थापना की जा रही है।